श्री हनुमान देवस्थान चांदपुर में मकर संक्रांति पर लगा भक्तों का मेला
चांदपुर का भव्य जलाशय
सिहोरा:- सातपुड़ा पर्वतों में हरियाली के बीच बसा चांदपुर की ऊंची पहाड़ीयों पर जागृत श्री हनुमान देवस्थान में प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर भव्य मेले का आयोजन किया जात है. प्रति वर्ष नुसार इस वर्ष भी जागृत हनुमान देवस्थान में चांदपुर दर्शन करने के लिये भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही हैं.
श्रद्धालुओं की भीड़
मकर संक्रांति पर यहां आयोजित मेले में भंडारा - गोंदिया जिले के साथ-साथ पुरे विदर्भ से, बालाघाट एवं
छत्तीसगढ से श्रद्धालु चांदपुर देवस्थान में दर्शन के लिये आते है.
पर्यटकों के लिये है आकर्षण
चांदपुर एक सातपुड़ा पर्वतों में बसा हुआ गाव है. यहाँ तीन पहाड़ीयों का संगम हुआ है. दो पहाड़ियों के बीच में भव्य जलाशय बसा है. जहा पर्यटकों को विहार करने के लिये घना जंगल, वन्य प्राणी - हिरण, चिता, बंदरों का झुंड, कभी कभी बाघ के दर्शन भी यहाँ पर्यटकों को करने मिलते हैं.
इतना ही नहीं तो यहा तीनो पहाड़ी यों के बीच एक छोटा ( भव्य टाकी) तालाब है. जहा हमेशा पानी भरा रहता है. इसी तालाब में भाविक भक्त हनुमान के दर्शन करने के पहले स्नान करते हैं. और महशुस करते हैं एक नये आनंदमय जीवन को.
इसी मे से एक पहाड़ी पर बसे है श्री हनुमान जी.
चांदपुर की एक पहाड़ी पर चांदशहावली की मजार है. उस जगह प्रति वर्ष अप्रैल महीने में उर्स का आयोजन होता है.
चांदपुर से जुड़ा है एक बड़ा इतिहास
यहा पर स्थित जागृत श्री हनुमान देवस्थान की वजह चांदपुर गाव प्रसिद्ध हुआ है. इस गांव से काफी पुराना इतिहास जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि
17 वीं सदी के अंतिम समय में देवगड़ के बुलंदशहा ने भंडारा जिले के शेष क्षेत्र का अपने राज्य में समावेश किया था. उसमें
एक चांदपूर गांव का भी नाम था. बुलंद के (फिलहाल छिंदवाड़ा) राजे बक्त पश्चात चांदसुलतान ने गद्दी संभाली व अपने राजधानी देवगड़ से नागपुर लेकर गये थे.
चांदसुलतान का भाई चांदवली उर्फ चाँदशाहवली ने चांदपुर गांव की स्थापना की. गोंड़ राज्य में चांदपुर गांव शिविर की दृष्टि से उनके लिये महत्वपूर्ण केंद्र
बिंदु था. अंग्रेजों के समय 1892 से इस विभाग को आंबागड़ व चांदपूर को परगाना के तीर पर पहचाना जाता था.
आजादी के पश्चात भी 1960 तक जिला भंडारा परगाना चांदपुर ऐसा पता डाक
विभाग द्वारा लिखा जा रहा था. चांदपुर गांव को फिलहाल जो महत्व प्राप्त हुआ है, वह यहां के स्वयं जागृत व प्राचीन मंदिर श्री हनुमान देवस्थान की
वजह से है. यहा पर हर साल नव वर्ष, पोला, ऋषि पंचमी, मकर संक्रांति व हनुमान जयंती के पावन पर्व पर बड़े पैमाने पर हर साल मेले का आयोजन किया जाता है.
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था, तुमसर व तिरोड़ा एस. टी. डेपो के बसों से की जाती हैं. यात्रियों की सुरक्षा के लिये तुमसर व सिहोरा व गोबरवाही के पुलिस के कड़े बंदोबस्त आज के दिन दिखाई दिये.
व्यापारियों से खास मुलाखत
------- आज के दिन की राह देखते हैं हम सब व्यापारी. इस दिन के लिये पहले दो दिन दिन रात मेहनत करना पड़ता है. ग्राहकों के लिये बेहतर क्वालिटी का नास्ता,खान पान की व्यवस्था, शुद्ध शाकाहारी खाना और कुछ आकर्षित वस्तुओं की खरेदी हम ग्राहकों की सेवा के लिये पहले ही कर लेते है. हमें इस दिन की आस होती हैं, की जो धंधा पुरे साल नही हुआ ओ आज के दिन हो जाये.
--- मा. रविंद्र शांताराम शहारे उपहार गृह व मेस पॉइंट, चांदपुर जलाशय चौपाटी चांदपुर.
प्रतिनिधि चंद्रशेखर भोयर
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