रेशन का माल मार्केट में

 

                        संग्रहित छाया चित्र



चावल दीजिये और पैसे या सामान लीजिये(नया ट्रेंड) 


सिहोरा:- जिले में काफी लोगों को राशन का अनाज मिलता है. कुछ लोग इसका सही तरह से इस्तमाल भी करते हैं. लेकिन ज्यादात्तर लोग  गरीबी के नाम पर सरकार को लूटते दिखाई दे रहे है.

शासकीय स्वस्त अनाज वितरण प्रणाली के कारण कही लोगों का गुजारा भी चल रहा है. किंतु आजकल एक ट्रेंड चल रहा है, की अपने नाम का अनाज उठाओ और किसी अनाज के व्यापारी या किरानी दुकान में जाकर अपना अनाज सस्ते में बेचकर के उसके बदले मे खाने का तेल सक्कर, दाल ऐसे काफी सारे वस्तुओं के बदले में रेशन का माल बेचा जा रहा है.

ऐसे भी सुनने में आया है कि कुछ दुकानदार दो किलो चावल के बदले में एक किलो शक्कर भी दे रहे हैं.

कोई भी भुका ना रहे इसीलिए केंद्र सरकार की ओर से राशन कॉर्ड धारक परिवार को प्रति व्यक्ति 3 किलो चावल 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से तो 5 किलो गेहूँ 3 रुपये प्रति किलो से प्रति व्यक्ति दिया जाता है. समझिये एक परिवार में पाच व्यक्ति है तो 15 किलो चावल उस परिवार को शासकीय अनाज वितरण की दुकान से मिलता है.  चावल की तुलना में गेहू का रेट ज्यादा होता है. फिरभी लोग चावल के बदले मे बाकी चीजों का आदान - प्रदान करते दिखाई दे रहे है. जबकि चावल गेहू की तुलना में ज्यादा दिन चलता है.

रेशन दुकान से मिलने वाली चीजें लोगों के हित में होती है किंतु आजकल ट्रेंड है काफी प्रसिद्ध रेशन से माल लाओं और दलालों या किरानी शॉप वाले को बेचो.



क्षेत्र के सिहोरा के साथ साथ ऐसे काफी गाव है जहा से रेशन का माल भंडारा, नागपुर और गोंदिया भी दलालों के जरिये भेजा जा रहा है.

बताया जा रहा है कि रेशन का चावल पॉकिट बंद चावल बेचने मे किया जाता है. ये चावल का काला बाजार आज नया रूप लेते दिखाई दे रहा है. अभी हर गाव में दलालों की लाइन लगी दिखाई दे रही है.

बताने में आ रहा है कि इस चावल से इडली और खिचड़ी काफी टेस्टी बनने की वजह से इस चावल को मार्केट में काफी मांग है. इसीका फायदा हर गाव और शहर में चावल के व्यापारी व दलालों द्वारा लेकर के लाखों की आमदनी करते दलाल व दुकानदार दिखाई दे रहे हैं.




संपादक चंद्रशेखर भोयर










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