सिहोरा परिसर में धूमधाम से मनाई जा रही है बाबा जुमदेव की जयंती

 




सिहोरा परिसर में धूमधाम से मनाई जा रही है बाबा जुमदेव की जयंती

सिहोरा:-  संपूर्ण जिले की बात करे तो समाज को बुरे कर्मो से बचाने का, उन्हें सच्ची राह दिखाने का महान कार्य बाबा जुमदेव ने किया है. बताया जाता है कि, बाबा जुमदेव जी एक परिवार से थे. और बचपन से ही उन्होंने काफी समस्याओं का सामना किया था.

उनका परिवार एक बड़ा परिवार था. लेकिन बोलते हैं ना खाने के दात और दिखाने के दात अलग होते है. ऐसी ही परिस्तिथि उनके परिवार में थी. ओ पाच भाई थे और जब उन्हें संकटोंका सामना करने की नौबत आयी तो कोई सामने नही आया था.

जुमदेव ये नाम उनको सेवकों ने दिया है. उनका नाम जुम्मन ठुब्रिकर है. उनके महान कार्य का प्रतिक है  जो उन्हें उनके सेवकों द्वारा ये नाम मिलना.

सिहोरा परिसर में बाबा जुमदेव के काफी सारे सेवक है. हर दुखी परिवार इस मार्ग में आकर के खुशिया मनाते दिखाई दे रहा है.

जीवन में बुरे विचार इंसान को  उसकी असफलता को दर्शाता है.

जुमदेव का जन्म नागपुर के टिमकी विभाग में हुआ.  3 अप्रेल 1921 को हुआ. उनकी आज 102 वी जयंती का महोत्सव सिहोरा नगरी के साथ साथ पूरे भारत वर्ष मे मनाने जा रहा है.

इनके लाखों सेवकों के जरिये गाव गाव इस कार्यक्रम को चलाया जा रहा है.  हर गाव में शराब, सट्टा, जुआ बंद करने के लिये सरकार के दप्तर से करोडो की निधि खर्च हुई पर इस पर बंदी नही आ सकी. लेकिन उसी काम को जुमदेवजी ने फुकट मे करके दिखाया.  ऐसे महान व्यक्ति की पहचान गाव गाव  तक पहुँचने के लिये, गाव के दुखी इंसान को जगाने के लिये हर सेवक तत्परता से कार्य में जुटा दिखायी दे रहा है.



3 से 9 तारिक तक विभिन्न जगह होंगे कार्यक्रम


3 तारीख को मोहाडी के कार्यक्रम के बाद सिहोरा परिसर में रनेरा, सिहोरा, सिलेगाव, सोनेगाव, महालगाव, बपेरा, चुल्हाड, सिंदपुरी, धनेगाव, मुरली, मोहाडी खापा, मांगली ऐसे विभिन्न गावों मे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

सिहोरा मे 5 तारीख को बाइक रैली के साथ कार्यक्रम की सुरुवात करके सांस्कृतिक भवन में भगवत कार्य की चर्चा सत्र और महाप्रसाद का आयोजन किये जाने की जानकारी आयोजक श्री. कंठीराम पडारे इन्होंने दी है.



प्रतिनिधि चंद्रशेखर भोयर

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