सुप्त गुणों को मिलती है राह ...... नारायण तुरकुंडे

 



मार्गदर्शन करते हुये मा. नारायण तुरकुंडे  


सिहोरा :-  हर व्यक्ति के अंदर होते है कला गुण.  बस हमे उचित समय पर उचित मार्ग का मिलना जरूरी है.  हर विद्यार्थियों में कलागुण छिपे होते हैं.  इन सुप्तगुणों को बाहर लाने का एकमात्र स्थल है  स्नेह सम्मेलन.  ऐसे  सिहोरा थानेदार नारायण तुरकुंडे इन्होंने अपने मार्गदर्शन मे कहा है.  उन्होंने कहा कि ऐसे  कार्यक्रम से छात्रों को एक नयी राह मिलती हैं.

इस कार्यक्रम का आयोजन सिलेगांव के जि.प. पूर्व

माध्यमिक स्कुल मे किया गया था.  इस  वार्षिक स्नेहसम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन 

यशवंत उपरीकर इनकी अध्यक्षता मे किया गया था.   प्रमुख अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य  मा. राजेंद्र   ढबाले, उपसरपंच सुजित पेरे, मांडवी के सरपंच मनीषा ढबाले, शालेय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ज्ञानेश्वर बनकर, उपाध्यक्ष

निशा मरठे, सार्वे, मारबदे, सेवानिवृत्त शिक्षक शरणागत,

पारधी, भगत, गौतम सर, आंगनवाड़ी सेविका शीला गुरव, प्रमिला मेश्राम एवम सभी

शालेय प्रबंधन समिति सदस्य, ग्रामपंचायत सदस्य समस्त ग्राम वाशी उपस्थित थे.  प्रस्तावना मुख्याध्यापक

वाय, जी. ढबाले  तो  संचालन बिजेवार  ने संभालते हुये   आभार सी. पी. मोरे ने माना.

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये एच.कि. पराते, नीलिमा पटले, योगेश्वरी रहांगडाले,

रूपाली पेरे, सपना रहांगडाले व स्वयंम  सेविका मीरा रोटके, मथुरा पेरे ने 

प्रयास किया.







संपादक चंद्रशेखर भोयर







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