बावनथड़ी नदी पर लोहे की रेलिंग का काम शुरू
बावनथड़ी नदी पर लोहे की रेलिंग का काम करते मजूर
सिहोरा:- बावनथडी नदी के अंतराज्यीय पुल की रेलिंग पर चोरों ने हाथ साफ करने से रेलिंग का काम शुरू किया गया है. रेलिंग न होने से वाहनों के नदी तल में गिरने का डर बना रहता है. बारिश में इस पूल पर पानी
रहने से यातायात बंद किया जाता है. लोहे के रेलिंग की
वजह से वाहनधारकों को डर नहीं रहेगा. बावनथडी नदी पुल
मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र राज्य को जोड़ने वाला अंतरराज्यीय
फून है. कम ऊंचाई वाले इस पूल से यातायात में बढोत्तरी
हुई है. कम ऊंचाई का पुल होने से नदी तल में वाहन नहीं
गिरे इसका ध्यान रखना पड़ता है. पुल के दोनों ओर लोहे
की रेलिंग लगायी गयी थी किंतु इस सुरक्षित लोहे की रेलिंग
पर कबाड़ी चोरों की निगाहे पड़ गयी. बारिश में नदी में बाढ़
आती है. बाढ़ का पानी दो दिन पुल पर रहने से अंतरशाज्यीय
यातायात बंद किया जाता हैं. पुल की रेलिंग के पास मूृत
मवेशी, लकड़ी आदि साहित्य पड़े रहते हैं. इससे बदबू आने
से फू की गंदगी साफ करने के लिए बड़ी मशक्कत का
सामना करना पड़ता है. इस कारण लोहे की रैलिंग भी तोड़ना
पड़ता है. लोहे की रेलिंग के अभाव में नदी में वाहन गिरने
का डर बना रहता है. इस दौरान एकेरी पुल का निर्माणकार्य
होने से दो वाहन आमने-सामने आने पर समस्या का सामना
करना पड़ता है. इसके लिए एक वाहन को रुकने के लिए पुल
पर जगह का निर्माण किया गया है. भंडारा बालाघाट राष्ट्रीय
महामार्ग घोषित किए जाने पर नए से पुल का निर्माणकार्यं
होगा ऐसा बताया जा रहा है. किंतु निर्माण कार्य करने के
लिए प्रक्रिया की अभी तक शुरुआत नहीं हुई है. मोहाड़ी
से बालाघाट तक मार्ग का चौड़ाईकरण किया गया है. किंतु
भंडारा से बपेरा तक महामार्ग यह राज्य मार्ग ही है. तुमसर के
बायपास मार्ग का काम कछुआ गति से शुरू होने से महामार्ग
के चौड़ाईकरण के लिए देर होकर महामार्ग के कामों की शीध्र
शुरुआत करने की मांग सिहोरा परिसर वासियों ने की है.
रुक गया मार्ग का डामरीकरण
देवरीदेव से सुकडी
नकुल, महालगाव से गोंदेखारी, सिहोरा से गोबरवाही तक सार्वजविक निर्मणकार्य
विभाग द्वारा मात्र गड्ढे बुझाये गये हैं किंतु डामरीकरण नहीं किया
गया है. जिससे वाहनधारकों को कमर के दर्द की परेशानी हो
रही है. इसके अलाव दुर्घटना में भी बढ़ोत्तरी होते दिखाई दे रही है.
संपादक चंद्रशेखर भोयर
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