सिहोरा के आदर्श स्कुल मे 243 छात्रों ने दी NMMS परीक्षा
संग्रहित छाया चित्र
सिहोरा:- आज की हम बात करे तो हर क्षेत्र में स्पर्धा दिखाई दे रही है. ऐसे में दुर्बल घटकों के बच्चों को पढाई से वंचित ना रहना पड़े इसलिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से इस NMMS परीक्षा का प्लानिंग करने मे आया.
NMMS आज के समय में शिक्षा का विशेष महत्व माना जाता है जिसके कारण
लोगों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है. ऐसे में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा कई सारी योजनाओं की शुरुआत की जाती है. और उन योजनाओ को लोगों तक पहुचाया जाता हैं. जिसके माध्यम से देश के बच्चों को आगे बढ़ने के लिए सहायता मिलती.
आज दिनांक 21/12/2022 को सिहोरा में स्थित आदर्श हायस्कुल व ज्युनिअर कॉलेज में इस NMMS परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में परिसर के 246 छात्र- छात्राये बैठे थे. इसमें से तीन अनुपस्थित थे. याने की केवल 43 छात्र- छात्राओं ने परीक्षा देने की जानकारी केंद्र प्रमुख से मिली है.
इस विशेष रूप से दी जाने वाली स्कॉलरशिप के बारे में बताना चाहूंगा. जहां से हमारे समाज में आर्थिक दुर्बल छात्रों को इसका पुरा लाभ मिल सके.
देखने मे आया है कि ग्रामीण क्षेत्र मे काफी सारे लोगों को इस NMMS की जानकारी ही नहीं रहने से छात्रों को इस परीक्षा से वंचित रहने की नौबत आती है.
इसका मुख्य कारण है पालकों का इसके प्रति अज्ञान.
क्या है NMMS छात्रवृत्ति योजना?
आज हमारे देश में लगभग 40% ऐसे विद्यार्थी हैं. जिन्होंने अपनी पढ़ाई को गरीबी की वजह से छोड़ दिया है.
ऐसे विद्यार्थी मौजूद है जो आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण इच्छा होने के बावजूद भी पढ़ाई में ध्यान नही दे पा रहे हैं.
ऐसी स्थिती में उन सभी छात्र-- छात्राओं को आगे लाने हेतु एक मुख्य रूप से मानव संसाधन
विकास मंत्रालय द्वारा छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गई है जो मुख्य रूप से देश के कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए बनाई गई
है. खास कर के कक्षा 8 वी के छात्रों के लिये इसका आयोजन किया जाता है. जिसके माध्यम से उनको अपनी आगे की शिक्षा लेने मे सहायता मिल रही है.
NMMS का फुल फॉर्म
National
Means Cum Merit Scholarship जिसमें प्रत्येक वर्ष लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते हैं
और सफलता प्राप्त करते हैं.
NMMS छात्रवृत्ति योजना का मुख्य उ्देश्य....
भारत सरकार द्वारा चलायी गई इस मुख्य छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आगे बढ़ाने के लिये उनको सहायता प्रदान करना है. ऐसे में गरीब वर्ग के बच्चों को बीच में स्कूल बंद करने की नौबत नही आती.
इससे उन्हें सक्षम होकर शिक्षित होने की सहायता मिलती हैं. देखा जाये तो इस योजना से समाज के दुर्बल घटकों को काफी सहायता होते दिखाई दे रही हैं.
संपादक चंद्रशेखर भोयर
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