फसल कर्ज का नियमित भुगतान करनेवाले किसान अनुदान से वंचित
अनुदान देने मे हुआ भेदभाव
सिहोरा:- राज्य की तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार ने नियमित फसल कर्ज का भुगतान
करनेवाले किसानों को राहत देने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले किसान प्रोत्साहन निधि योजना का आरंभ कर किसानों को 50
हजार रुपए प्रोत्साहन आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. इसके तहत राज्य की विद्यमान शिंदे-फडणवीस सरकार ने
किसानों को आर्थिक मदद की पूर्तता करते हुए जारी प्रथम सूची में काफी किसानों के नाम शामिल थे. परंतु दूसरे सूची में जिले
के सिहोरा-बपेरा परिसर के अनेक किसानों के नाम गायब होने से वे अनुदान के लाभ से वंचित हुये हैं. इस ओर राज्य शासन ने गंभीरता से
ध्यान देकर तत्काल कार्रवाई कर वंचित किसानों को अनुदान देने की मांग स्थानीय
किसानों ने की है. काफी किसानों ने 2017 से भी फसल कर्ज का भुगतान नियमित रूप से किया था किंतु उन्हें ये अवसर नही मिलने से सरकार पर नाराजी व्यक्त की जा रही है. उल्लेखनीय है कि राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार स्थापित हुई है. इस सरकार ने महाविकास आघाड़ी सरकार का किसानों से जुड़ा निर्णय कायम रखते हुए नियमित कर्ज का भुगतान करने वाले
किसानों के बचत खाते में अनुदान भेजा है. कर्ज रकम के अनुसार राशि किसानों
के खाते में जमा हुई है, जो किसानों को राहत देने वली साबित हुई. किंतु काफी किसान मतभेद होने से नाराज दिखाई दे रहे है. इस योजना की दूसरी सूची को मंजूरी दी गई है. लेकिन
किसान मदद राशि से वचित है. किसानों को प्रोत्साहन निधि देने के लिए शासन विलंब कर रही हैं. ऐसे में किसान यह बैंक
प्रतिनिधि, सेवा सहकारी संस्था के अध्यक्ष से पूछताछ कर रहे हैं. आधे से अधिक किसान शासन की मदद राशि से वचित होने
से किसानों में नाराजी है. शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा किसानों को अनुदान वितरण
को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी जा रही हैं. ऐसा आरोप लगाया जा रहा है. नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में यह विषय चर्चा में रहेगा. जिले के अधिकतम किसान प्रोत्साहन राशी से वंचित है इस ओर ध्यान देना जरूरी हो गया है. शासन ने
तत्काल कार्रवाई कर तेज गति से निधि देने की मांग होने लगी हैं. और इस योजना में जिन किसानों के नाम नही आये, उनके नाम लिये गये वर्ष मे नहीं बैठे उन्हें भी राहत देने की मांग क्षेत्र के किसानो ने की है.
संपादक चंद्रशेखर भोयर
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